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गुरुवार, 4 अप्रैल 2013

प्रस्तुत हैं नैनों पर कुछ दोहे

नयन झुकाए मोहिनी, मंद मंद मुस्काय ।
रूप अनोखा देखके, दर्पण भी शर्माय ।।

नयन चलाते छूरियां, नयन चलाते बाण ।
नयनन की भाषा कठिन, नयन क्षीर आषाण ।।

दो नैना हर मर्तबा, छीन गए सुख चैन ।
मन वैरागी कर गए, भटकूँ मैं दिन रैन ।।

आंसू के मोती कभी, मिलते कभी बवाल ।
नैनों की पहचान में, ज्ञानी भी कंगाल ।।

नयना शर्मीले बड़े, नयना नखरे बाज ।
नयनो का खुलता नहीं, सालों सालों राज ।।

नैनो से नैना मिले, बसे नयन में आप ।
नैना करवाएं सदा, मन का मेल मिलाप ।।

जो नैना नीरज भरें, जीतें मन संसार ।
नैना करके छोड़ दें, सज्जन को बेकार ।।

पल पल मैं व्याकुल हुआ, किया नयन ने वार ।
दो नैनो की जीत थी, दो नैनो की हार ।।

24 टिप्‍पणियां:

  1. yashoda agrawal4 अप्रैल 2013 को 8:03 pm

    आपकी यह बेहतरीन रचना शनिवार 06/04/2013 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. कृपया अवलोकन करे एवं आपके सुझावों को अंकित करें, लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!

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  2. jyoti khare4 अप्रैल 2013 को 8:50 pm


    सुंदर रचना
    बहुत सार्थक और उत्कृष्ट प्रस्तुति
    बधाई

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  3. Rohitas ghorela5 अप्रैल 2013 को 9:32 am

    नयनों की माया कोई नही समझ पाया ...
    वाह ...बहुत खूब

    पधारिये आजादी रो दीवानों: सागरमल गोपा (राजस्थानी कविता)

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  4. डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण)5 अप्रैल 2013 को 11:08 am

    सार्थक दोहे!
    आँखों में समा गये!

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  5. धीरेन्द्र सिंह भदौरिया5 अप्रैल 2013 को 12:02 pm

    नयनो की भाषा समझ,लगे नैन के तीर
    भले बली हों सूरमा,जाते होय फ़कीर ,,,,,

    बहुत सुंदर दोह,,,अरुन जी,,,

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  6. Shalini Rastogi5 अप्रैल 2013 को 5:47 pm

    अरुण जी ... लाजवाब दोहे ... आपके दोहों ने तो नयनों की झील में ही डुबो दिया .. सुन्दर लेखन के लिए बधाई !

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  7. निहार रंजन6 अप्रैल 2013 को 5:19 am

    बहुत अच्छा लिखा है . बधाई.

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  8. Amrita Tanmay6 अप्रैल 2013 को 8:41 am

    उम्दा..

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  9. प्रतिभा सक्सेना6 अप्रैल 2013 को 10:09 am

    बिना बोले ही नयनों का जादू सारी दुनिया को समा लेता है -बढ़िया दोहे!

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  10. दिल की आवाज़6 अप्रैल 2013 को 11:23 am

    नैन ही समझे नैनो की भाषा .. जो बात लैब न कह सके वो नैन कह देते हैं ..
    नैनों पर पूरी रामायण लिख दी आपने .. बहुत बढ़िया बधाई लीजिये !

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  11. vandana gupta6 अप्रैल 2013 को 12:33 pm

    आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा शनिवार (6-4-2013) के चर्चा मंच पर भी है ।
    सूचनार्थ!

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  12. Kalipad "Prasad"6 अप्रैल 2013 को 12:43 pm

    बहुत भावपूर्ण खुबसूरत रचना
    LATEST POST सुहाने सपने
    my post कोल्हू के बैल

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  13. Rajendra Kumar6 अप्रैल 2013 को 1:45 pm

    नयनो का जादू,बहुत ही सुन्दर प्रस्तुतीकरण,आभार.

    जिन नयनों से नयन मिलें हैं
    उन नयनों का हाल न पूछिये
    हम तो ठगे रह गए ऐसे
    क्या था दिल का हाल न पूछिये

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  14. Rashmi Swaroop6 अप्रैल 2013 को 6:30 pm

    ओह! बहुत सुन्दर… पता नहीं बहकर पढ़े जायें ये दोहे, या बहककर… :)

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  15. Brijesh Singh6 अप्रैल 2013 को 7:22 pm

    आपने इतनी कसी हुई और सुन्दर शब्द चयन और संयोजन के साथ ये रचना प्रस्तुत की है कि पाठक के पास वाह और आह करने के अलावा कुछ बचता नहीं। बार बार, फिर फिर पढ़ेगा। क्या कहूं? कुछ गुंजाइश है ही नहीं कहने को। मुंह बंद कर दिया पाठक का।
    ढेरों बधाई।

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  16. neeloo6 अप्रैल 2013 को 9:04 pm

    सुंदर नैनों पर उत्कृष्ट रचना...बधाई अन्नत जी...

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  17. neeloo6 अप्रैल 2013 को 9:06 pm

    सुंदर नैनों पर उत्कृष्ट रचना...बधाई अन्नत जी...

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
  18. आशा बिष्ट7 अप्रैल 2013 को 11:51 am

    खूबसूरत

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  19. दिगम्बर नासवा7 अप्रैल 2013 को 1:31 pm

    आंसू के मोती कभी, मिलते कभी बवाल ।
    नैनों की पहचान में, ज्ञानी भी कंगाल ...
    वाह क्या बात है ... सभी दोहे कमाल हैं ... नैनों की भाषा बोलते ..

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  20. सरिता भाटिया8 अप्रैल 2013 को 4:29 pm

    वह बहुत सुंदर नैनों का दोहत्मक चित्रण

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  21. आशा जोगळेकर9 अप्रैल 2013 को 11:00 am

    गिरा अनयन नयन बिनु बानी
    इन नैनन का कहां कोई सानी ।

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  22. Aamir Ali10 अप्रैल 2013 को 11:04 am

    हिंदी लेखनी भी बड़ी कमाल की है आपकी ,जवाब नही लाजवाब।

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  23. Brijesh Singh6 जून 2013 को 4:08 pm

    आपकी यह रचना दिनांक 07.06.2013 को http://blogprasaran.blogspot.in/ पर लिंक की गयी है। कृपया इसे देखें और अपने सुझाव दें।

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  24. Mukesh Kumar Sinha7 जून 2013 को 10:37 am

    lajajab dohe...
    nain barasne lage :)

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