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आइये आपका हृदयतल से हार्दिक स्वागत है

Wednesday, July 11, 2012

दिल लगाने को तुला है

नापाक इरादे से दिल लगाने को तुला है,
इक शक्स मेरी हस्ती मिटाने को तुला है,
हजारों किये हैं जुर्म मगर सजा कोई नहीं,
मुझको भी गुनाहों में फ़साने को तुला है,
सौदागर है, दिलों का व्यापार करता है,
धंधा है यही वो जिसको, बढ़ाने को तुला है,
धमकी दे रहा है, सीने पर मेरे चढ़कर,
जालिम है जबरजस्ती, डराने को तुला है,
आता है नए - नए रोज़, दावं सीख कर,
मेरे जीवन को जुए में, हराने को तुला है....

12 comments:

  1. रविकर फैजाबादीJuly 11, 2012 at 5:05 PM

    मार्मिक चित्रण || |

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  2. dr.mahendragJuly 11, 2012 at 5:15 PM

    JARA SAMBHAL KAR
    Dil ka mamla hi aisa hae,kuch bhi kara sakta hae

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  3. अरुन शर्माJuly 11, 2012 at 5:21 PM

    रविकर SIR महेंद्र SIR बहुत बहुत धन्यवाद.

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  4. दिलबाग विर्कJuly 11, 2012 at 9:27 PM

    आपकी पोस्ट कल 12/7/2012 के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
    कृपया पधारें

    चर्चा - 938 :चर्चाकार-दिलबाग विर्क

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  5. अजय कुमार झाJuly 11, 2012 at 10:23 PM

    आपने पोस्ट लिखी ,हमने पढी , हमें पसंद आई , हमने उसे सहेज़ कर कुछ और मित्र पाठकों के लिए बुलेटिन के एक पन्ने पर पिरो दिया । आप भी आइए और मिलिए कुछ और पोस्टों से , इस टिप्पणी को क्लिक करके आप वहां पहुंच सकते हैं

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  6. dheerendraJuly 11, 2012 at 10:58 PM

    इन रास्तों जब कभी, आप भी आयेगें
    हमें भी ,इन्ही की तरह रोते हुए पायेगें,,,,,,,

    बहुत सुंदर प्रस्तुति,,,,

    RECENT POST...: राजनीति,तेरे रूप अनेक,...

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  7. दिगम्बर नासवाJuly 12, 2012 at 4:06 PM

    बहुत खूब ... लाजवाब लिखा है ..

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  8. Asha SaxenaJuly 12, 2012 at 5:07 PM

    अच्च्र्र रचना है |
    आशा

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  9. अरुन शर्माJuly 12, 2012 at 5:09 PM

    आदरणीय दिगंबर जी, धीरेन्द्र जी & दिलबाग जी बहुत बहुत शुक्रिया

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  10. अरुन शर्माJuly 12, 2012 at 5:10 PM

    आदरणीया आशा जी स्नेह के लिए आभार

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  11. Reena MauryaJuly 12, 2012 at 7:35 PM

    गहरे भाव लिए संवेदनशील रचना..

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  12. अरुन शर्माJuly 13, 2012 at 11:43 AM

    रीना जी स्नेह के लिए आभारी हूँ. शुक्रिया

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